बचपन मे मुझे कभी सजा नहीं मिली,मैं अनुशासन मानने वाला था: PM मोदी

बचपन मे मुझे कभी सजा नहीं मिली,मैं अनुशासन मानने वाला था: PM मोदी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि मेरा भी सौभाग्य रहा कि बचपन में मेरे गांव के स्कूल में एनसीसी कैडेट रहा, मुझे इस अनुशासन और यूनिफॉर्म के बारे में मालूम है। अलग-अलग राज्यों के एनसीसी कैडेट्स से उनके अनुभव के बारे में पीएम मोदी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि एनसीसी दुनिया के सबसे बड़े यूनिफॉर्म यूथ ऑर्गेनाइजेंशस में एक है। इसमें सेना, नौसेना और वायुसेना तीनों शामिल है। लीडरशिप, देशभक्ति, सेल्फलेस सर्विस, देशभक्ति, सबको अपने चरित्र को हिस्सा का बनाने की रोमांचक यात्रा का नाम एनसीसी है।


पीएम मोदी ने कहा कि मेरा भी सौभाग्य रहा कि बचपन में मेरे गांव के स्कूल में एनसीसी कैडेट रहा, मुझे इस अनुशासन और यूनिफॉर्म के बारे में मालूम है। अनुशासन के लिए एनसीसी में सजा के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि मुझे कभी सजा नहीं मिली, मैं अनुशासन मानने वाला था। एक बार गलतफहमी हो गई थी, मैं पेड़ पर चढ़ गया। पतंग की डोर में एक पंक्षी फंस गया था, उसे बचाने के लिए मैं चढ़ा था। पहले मुझे लगा कि कुछ कार्रवाई होगा, लेकिन मुझे वाहवाही मिली।


प्रधानमंत्री ने देश भक्ति और सेवा के रंग में रंगे युवाओं में जोश भरते हुए नौजवान पीढ़ी को एनसीसी दिवस की शुभकामनाओं से अपनी मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं भी आप ही की तरह कैडेट रहा हूं और मन से आज भी अपने आपको कैडेट मानता हूं। एनसीसी यानी नेशनल कैडेट कॉर्प्स। दुनिया के सबसे बड़े वर्दी वाले युवा संगठन में एनसीसी एक है। यह एक त्रि-सेवा संगठन है जिसमें सेना, नौ-सेना, वायुसेना तीनों ही शामिल हैं। दुनिया की बड़ी एकरूप युवा संगठनों में से एक भारत की एनसीसी है जिसमें सेना के तीनों अंग- सेना, नौसेना और वायु सेना शामिल हैं। एनसीसी का मतलब है अपने व्यवहार और अपनी आदतों में कुशल नेतृत्व, देशभक्ति, निःस्वार्थ सेवाभाव, अनुशासन कड़ी मेहनत को शामिल करना।


एक भारत श्रेष्ठ भारत कैंप के लिए उत्तर पूर्वी क्षेत्र और विभिन्न राज्यों से दिल्ली आए एनसीसी के नौजवानों ने प्रधानमंत्री मोदी से अपने बेहतरीन अनुभव साझा किए। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में सात दिसंबर को आर्म्ड फोर्सिज फ्लैग डे के अवसर पर देशवासियों को वीर सैनिकों के अदम्य साहस, शौर्य और समर्पण भाव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उनके सम्मान और सहभागिता के लिए आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर से ही ताकत मिलती है और आत्म विश्वास बढ़ता है जिससे व्यक्तित्व में निखार आता है। सीबीएसई की पहल से दिसंबर माह में स्कूलों में फिट इंडिया सप्ताह मनाना एक सराहनीय कदम है।


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