लखनऊ. सैफई के यादव परिवार में अभी भी सुलह की गुंजाइश बची है। ऐसा मानना है प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का। उन्होंने अखिलेश यादव का नाम लिये बगैर कहा कि अगर वह नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के साथ बैठ जाएं, तो किसी तीसरे की जरूरत नहीं होगी। इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोविंद चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी कोई हैसियत नहीं है। गौरतलब है कि बीते दिनों रामगोविंद चौधरी ने शिवपाल की घरवापसी पर कहा था कि अगर वह अपनी पार्टी प्रसपा लोहिया का सपा में विलय कर दें तो पार्टी उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त करने को लेकर दायर याचिका वापस लेने पर विचार करेगी। आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी ने शिवपाल यादव की विधानसभा सदस्यता खत्म करने के लिए याचिका दायर की है।
परिवार में कलह को लेकर शिवपाल यादव सोमवार को भी भावुक हो उठे। मैनपुरी में आयोजित एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे शिवपाल यादव ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम लिये बगैर कहा कि हमने उन्हें नेता माना। मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें स्वीकार किया, लेकिन कुछ षडयंत्रकारी अपने मकसद में कामयाब हो गये, जिसका खामियाजा समाजवादी पार्टी को उठाना पड़ा। प्रसपा प्रमुख ने कहा कि उनके मन में अभी भी पूरी गुंजाइश बची है।
कोशिशें के बावजूद खत्म नहीं हो रही रार
2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यादव परिवार में मचे घमासान के बाद अखिलेश यादव और शिवपाल यादव में सुलह की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं। बीते दिनों चाचा-भतीजे ने रार खत्म होने का संदेश दिया था। शिवपाल यादव ने कहा कि उनकी तरफ से सुलह की पूरी गुंजाइश है। बयान के बाद अखिलेश यादव ने भी कहा कि अगर वह आते हैं तो उन्हें पार्टी में उनका स्वागत है। इसके बाद फिर शिवपाल का बयान आया कि वह सपा से गठबंधन कर सकते हैं, लेकिन पार्टी का विलय नहीं करेंगे।
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