अयोध्या-बाबरी मस्जिद मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ मंगलवार से चैंबर में बैठेगी। जानकारी के मुताबिक, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ कल से फैसले पर चर्चा करेंगे। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस बोबड़े, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाई चंद्रचूण, जस्टिस अब्दुल नजीर इस मामले पर कल से चर्चा करेंगे। पीठ की ओर से कहा गया है कि मोल्डिंग ऑफ रिलीव पर तीन दिन में लिखित में जवाब मांगा गया है। संविधान पीठ कल से अयोध्या मामले पर फैसला लिखने पर चर्चा करेगी।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई बुधवार को पूरी कर ली और फैसला बाद में सुनाएगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस मामले में 40 दिन तक सुनवाई करने के बाद दलीलें पूरी कर लीं।
पीठ ने अयोध्या भूमि विवाद मामले में संबंधित पक्षों को 'मोल्डिंग ऑफ रिलीफ' (राहत में बदलाव) के मुद्दे पर लिखित दलील दाखिल करने के लिये तीन दिन का समय दिया। इस पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं। आज सुबह सुनवाई शुरू होने पर पीठ ने कह दिया था कि वह पिछले 39 दिनों से अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुनवाई कर रही है और मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए किसी भी पक्षकार को आज (बुधवार) के बाद अब और समय नहीं दिया जाएगा ! न्यायालय ने पहले कहा था कि सुनवाई 17 अक्टूबर को पूरी हो जाएगी। बाद में इस समय सीमा को एक दिन पहले कर दिया गया। प्रधान न्यायाधीश का कार्यकाल 17 नवंबर को समाप्त हो रहा है। उल्लेखनीय है कि संविधान पीठ ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला- के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश देने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई की है।
0 टिप्पणियाँ