अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले कांग्रेस ने कानून की दुहाई देते हुए कहा कि सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। पार्टी के नेता फैसला आने पर पड़ने वाले असर को लेकर सतर्क हैं। कांग्रेस कार्यकारिणी समिति के सदस्य जितिन प्रसाद ने विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण करने की वकालत की है, लेकिन उनका कहना है कि कानून का पालन होना चाहिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, “एक हिंदू के तौर पर मैं चाहता हूं कि वहां मंदिर होना चाहिए, लेकिन देश का कानून भी है। सुप्रीम कोर्ट का जो भी आदेश हो वह सबको स्वीकार्य होना चाहिए। आदेश जल्द से जल्द आना चाहिए और इस मसले पर सारी बहस को विराम देना चाहिए। यह उस दिशा में बढ़ने का समय है जिससे सभी समुदाय सौहार्द से एकजुट होकर रहें।”
कांग्रेस इस रुख पर कायम है कि आदेश जो भी आए उसे सभी पक्षों को स्वीकार करना चाहिए। हाल ही में बरेली में हुई उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति की कार्यशाला में भी राम मंदिर का मसला उठाया गया। एक सूत्र ने बताया कि इस मसले पर कुछ देर विचार-विमर्श किया गया।
अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई अगले महीने सेवानिवृत्त होने वाले हैं और उम्मीद की जाती है कि उनकी सेवानिवृत्ति से पहले इस मामले में फैसला आ सकता है।
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