लखनऊ : अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के रिश्ते में अब और खराब हो चुके हैं। कभी एक दौर था जब दोनों की जोड़ी की शान में पढ़े जाते थे कसीदे। दोनों हमेशा पहले एक साथ एक मंच पर नजर आते थे। अब शिवपाल यादव सपा से अलग हो चुके हैं और अपनी नई पार्टी प्रसपा के सहारे अखिलेश को कमजोर कर रहे हैं।
दोनों की रार तब और चरम पर पहुंच गई जब अखिलेश ने उनके खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए उनकी विधानसभा से सदस्यता खत्म करने की अर्जी सदन में लगा डाली है। इसके बाद से ही साफ हो गया कि अखिलेश और शिवपाल यादव के बीच कोई सुलह नहीं हो पायेगी।
दूसरी ओर शिवपाल यादव ने भी सपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उन्होंने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव के दौरान ही छोड़ दी है।
शिवपाल ने विधानसभा से सदस्यता खत्म होने की बात पर कहा कि इसका जवाब वो देंगे। शिवपाल यादव ने सोमवार को अखिलेश के खिलाफ बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अगर जसवंत नगर विधानसभा सीट पर उप-चुनाव की स्थिति पैदा होती है तो मैं एक बार फिर इसी सीट से चुनाव लड़ूंगा।
शिवपाल ने दावा किया है कि उन्हें यहां से कोई नहीं हरा सकता है और उम्मीद जतायी है कि उनके चुनाव प्रचार में मुलायम सिंह यादव को आना चाहिए। अब देखना होगा कि अगर ऐसा हुआ तो एक बार फिर अखिलेश अपने पिता से नाराज हो सकते हैं, क्योंकि इससे पहले अखिलेश के फैसलों पर मुलायम ने हामी नहीं भरी थी।
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