राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सभी छह विधायकों ने सोमवार को सत्तारूढ़ दल कांग्रेस का 'हाथ' थाम लिया। उन्होंने सोमवार रात कांग्रेस में विलय का पत्र विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को सौंप दिया। जोशी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि बसपा के विधायकों ने मुझे पत्र सौंपे हैं।विधायक राजेंद्र सिंह, जोगेंद्र सिंह अवाना, वाजिब अली, लखन सिंह मीणा, संदीप यादव तथा दीपचंद ने कहा कि वह अपने विधायक दल का कांग्रेस में विलय कर रहे हैं। कांग्रेस के एक नेता ने कहा- 'बसपा के सभी छह विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निरंतर संपर्क में थे और सोमवार को वह कांग्रेस में शामिल हो गए।गौरतलब है कि 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के सौ विधायक हैं। राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के एक विधायक का भी कांग्रेस को समर्थन हासिल है। इसके अलावा 13 में 12 निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन दिया है। दो सीटें अभी रिक्त हैं।
गहलोत सरकार को पूर्ण बहुमत
गौरतलब है कि 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कुल 99 सीटें मिली थी। जबकि भाजपा को 73 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन पूर्ण बहुमत से एक सीट कम रह गई। कांग्रेस ने बसपा और निर्दलीय विधायकों की मदद से अपनी सरकार बनाई थी।बसपा के सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब गहलोत सरकार अपने दम पर पूर्ण बहुमत वाली सरकार हो गई है।
प्रदेश में जल्द होने हैं निकाय और पंचायत चुनाव
बता दें, कुछ समय बाद प्रदेश में निकाय और पंचायत चुनाव होने हैं। इन चुनावों से पहले बसपा के सभी विधायकों का कांग्रेस में शामिल होना, बसपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। कांग्रेस निकाय और पंचायत चुनाव में जीत हासिल करने के लिए इस बार सदस्यता अभियान पर खासा जोर दे रही है।
बसपा विधायक ने लगाया था मायावती पर आरोप
गौरतलब है कि बीते अगस्त महीने की शुरुआत में राजस्थान के बसपा विधायक ने पार्टी सुप्रीमो मायावती पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाया था। विधायक राजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया था कि हमारी पार्टी बहुजन समाज पार्टी में पैसे लेकर टिकट दिया जाता है. कोई और ज्यादा पैसे दे देता है तो पहले वाले का टिकट कर जाता है।अगर किसी तीसरे ने और पैसे दे दिए फिर दोनों का टिकट कट जाता है।
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