कुशीनगर जिले की सीमा को बिहार प्रान्त से जोड़ने वाली नारायणी की बेगवती धारा का डिस्चार्ज शनिवार की भोर में धीमा पड़ गया है। हालांकि नारायणी नदी अपने स्वभाव के मुताबिक जलस्तर से 20 मीटर नीचे अपना कटान जारी रखे हुए है।इसके चलते बंधे के बचाव के लिए बने एक किमी लंबे रिंग बांध को नदी की धारा ने शनिवार की भोर में ही किमी 7.9 के सामने लगभग 100 मीटर की दूरी में अपने आगोश में ले लिया है। रिंग बांध को काटने के बाद नदी की धारा बैकरोलिंग के जरिये बांध से सटकर बहना शुरू कर दी है।नारायणी की धारा का यही सटकर बहना मुख्य बंधे के लिए खतरे का सबब बन रहा है। हालांकि देर से ही सही मौके पर बोल्डरों की डंपिंग कर रहे अभियंता बंधे को बचाने की जुगत में लगे है। डीएम डॉ अनिल कुमार सिंह ने शुक्रवार की देर रात बंधे तथा ग्रामीणों के पलायन का हाल मौके पर पहुंचकर लेने के बाद प्रशासनिक सक्रियता में तेजी आयी है। एनडीआरएफ की टीम के गांव में पहुंच जाने से ग्रामीणों ने भी राहत की सांस लिया है लेकिन समय रहते बचाव कार्य नहीं किये जाने तथा अब आफत सिर पर आ जाने के बाद बाढ़ खंड की इस सक्रियता से दियारे की आबादी में खासा नाराजगी है। क्षेत्रीय विधायक अजय कुमार लल्लू शनिवार की भोर में चार बजे ही बंधे पर पहुंचकर बचाव कार्य मे तेजी लाने के लिए जूट हुए है। उन्होंने मौके से प्रमुख सचिव सिचाई को दूरभाष पर बंधे के हालात की जानकारी दी। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में मुख्य बांध कटने पर आंदोलन की बात भी कही। तटबंध से सटे ग्रामीणों का अपने परिवारों तथा जरूरी सामानों के साथ पलायन जारी है।
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