घाघरा से जुड़े विभिन्न बैराजों से छोड़ा गया 2 लाख 30 हजार क्यूसेक पानी

घाघरा से जुड़े विभिन्न बैराजों से छोड़ा गया 2 लाख 30 हजार क्यूसेक पानी


पहले से ही बाढ़ की त्रासदी झेल रहे गोण्डा जिले के करनैलगंज व बाराबंकी जिले के सरहदी इलाकों के लोगों की मुश्किलें फिलहाल कम होने वाली नहीं है। दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी पहले ही घुस चुका था। लेकिन बुधवार को घाघरा से जुड़े विभिन्न बैराजों से छोड़ा गया 2 लाख 30 हजार क्यूसेक पानी यहां पहुंचना शुरू हो जाएगा, जिससे बाढ़ व बरसात की मार झेल रहे एल्गिन चरसड़ी बांध के सरहदी इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है। 
केन्द्रीय जल आयोग एल्गिन ब्रिज घाघरा घाट से जब दोपहर बाद आंकड़े आये तो सिंचाई विभाग सहित बाढ़ से जुड़े अधिकारियों की परेशानी बढ़ती नजर आई। पहले से ही अपने तेवर में चल रही घाघरा नदी बुधवार को खतरे के निशान से 17 सेमी. ऊपर बहती रही। लेकिन नदी से जुड़े बैराजों का डिस्चार्ज बढ़कर 2 लाख 30 हजार 133 क्यूसेक जा पहुंचा। 
इधर लगातार हो रही बरसात के चलते भी घाघरा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी का कारण माना जा रहा है। बुधवार को दोपहर बाद तक बाढ़ के हालात और बिगड़ने की आशंका है। काशीपुर, नकहरा, मांझारायपुर, नैपुरा, परसावल, बेहटा आदि गावों के दर्जनों मजरे पहले से ही बाढ़ की चपेट में है। अब ऐसे में इन मजरों में परेशानी और बढ़ सकती है। बांध पर काम कर रहे अवर अभियंता एम के सिंह ने बताया कि फिलहाल बांध को कोई खतरा नहीं है। बांध की निगरानी के लिए सिंचाई विभाग की टीम लगाई गयी हैं जो बराबर नजर रखे हुए है। स्थिति पर बराबर नजर रखी जा रही है।


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