क्राइम कंट्रोल में फेल हो रहे थानेदारों के जिम्मे एक अौर काम आ गया है। भूमि विवाद से जुड़े मामलों के निस्तारण में तेजी के लिए अब हर थाने में ऐसे मामलों की अलग से सूची बनेगी। सूची के प्रमुख 20 से 25 विवाद को थानेदार खुद निस्तारित कराएंगे। इसके अलावा क्षेत्राधिकारी की भी 10 से 15 मामले निपटाने की जिम्मेदारी होगी। इस संबंध वरिष्ट पुलिसअधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने बताया कि अब बीट के सभी सिपाहियों से भूमि विवाद से जुड़े मामलों की जानकारी ली जाएगी। इसके बाद सब इंस्पेक्टर जाकर उसका सत्यापन करेंगे और सूची तैयार करेंगे। इसके बाद जो मामले लम्बे समय से चले आ रहे हैं या जिसमें मारपीट, झगड़ा या हत्या जैसी घटना हो चुकी है। ऐसे 20 से 25 मामलों को चिन्हित करके थानाध्यक्ष सुलाझाएंगे। वहीं क्षेत्राधिकारी अपने तीन थानों की प्रमुख 10 से 15 मामलों को निस्तारित कराएंगे। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
अलग बनेगा भूमि विवाद रजिस्टर
भूमि विवाद से जुड़े मामलों का हर थाने पर अलग रजिस्टर होगा। इस पर विवाद से जुड़ी सारी जानकारी होगी और इसमें हुई कार्रवाई का भी ब्योरा भरा जाएगा। औचक निरीक्षण के दौरान रजिस्टर में कमी पाए जाने पर संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
10 साल को बनेगा रिकार्ड
एसएसपी ने बताया कि जिलेभर में पिछले 10 सालों में भूमि विवाद में हत्या, हत्या का प्रयास, मारपीट जैसी घटनाओं का रिकार्ड तैयार होगा। इसके बाद जिन लोगों का भी नाम आएगा उनको पाबंद किया जाएगा। अभियान चलाकर वांछितों की गिरफ्तारी होगी। वहीं जिनके खिलाफ अधिक मामले दर्ज होंगे उनकी हिस्ट्रीशीट भी खोली जाएगी। रिकार्ड तैयार कराने की जिम्मेदारी सीओ की होगी। उन्होंने बताया कि हत्या जैसी वारदातों में अक्सर भूमि विवाद देखने को मिलता है।
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