स्टांप एवं पंजीयन विभाग में समूह 'ख', 'ग' व 'घ' के तबादले रद्द किए जाने के बाद समूह 'क' के 21 अफसरों के तबादलों पर भी तलवार लटक रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से स्टांप एवं पंजीयन विभाग में 18 सहायक महानिरीक्षक (एआईजी) व तीन उप महानिरीक्षक (डीआईजी) के तबादले में भी नियमों को ताक पर रखकर किए जाने की शिकायत की गई है। ये तबादले तत्कालीन स्टांप-पंजीयन मंत्री व तत्कालीन प्रमुख सचिव के निर्देशन में हुए थे।तबादलों की शिकायतें सही पाने के बाद सीएम के आदेश पर समूह ख, ग व घ संवर्ग के करीब 350 तबादले रद्द कर दिए गए थे। बताया जा रहा है कि अब समूह 'क' के तबादलों में भी मनमानी किए जाने की शिकायतें की गई हैं।शासन स्तर से शिकायतों की पड़ताल कराई जा रही है। सूत्रों की मानें तो एआईजी व डीआईजी के तबादलों में भी जिस तरह से गड़बड़ियां हुई हैं, इन तबादलों को भी रद्द किया जा सकता है।
सीएम ने बदल दिया था नंदी का विभाग
तबादले रद्द होने के ठीक पहले प्रमुख सचिव एक वर्ष के स्टडी लीव पर चल गए। जब मंत्रिमंडल विस्तार हुआ तो मुख्यमंत्री ने नंदी से स्टांप-पंजीयन विभाग की जिम्मेदारी वापस ले ली। तबादलों की शिकायतें सही पाने के बाद सीएम योगी ने न सिर्फ 350 तबादले रद्द कर दिए थे, बल्कि तत्कालीन मंत्री नंदी का विभाग भी बदल दिया है।
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