मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा विभाग पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को समय से सूचनाएं देने के दिए निर्देश 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा विभाग पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को समय से सूचनाएं देने के दिए निर्देश 


उत्तर प्रदेश समय पर सूचनाएं न देने के चलते महत्वाकांक्षी जिलों की रैंकिंग में यूपी पिछड़ रहा है। इसके लिए बने पोर्टल पर शिक्षा विभाग द्वारा समयबद्ध तरीके से सूचनाएं अंकित न करने के कारण जिलों की रैंकिंग में बहुत ज्यादा परिवर्तन हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को समय से सूचनाएं देने के निर्देश दिए हैं। वहीं उन्होंने प्रॉक्सी शिक्षकों पर अंकुश लगाने के लिए नियमित समीक्षा करने के भी निर्देश दिए हैं।बीती जुलाई में मुख्यमंत्री ने महत्वाकांक्षी जिलों की समीक्षा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इसमें सामने आया कि शिक्षा के क्षेत्र में यूपी के 8 जिलों में से 7 जिलों की रैंकिंग में गिरावट आई है। बलरामपुर, बहराइच, सिद्धार्थनगर जो अप्रैल में देश में बहुत अच्छी रेटिंग पर थे वो नीचे पहुंच गए हैं। इनमें से बलरामपुर पहले और बहराइच दूसरे स्थान पर था लेकिन मई में बलरामपुर व बहराइच 40वें और सिद्धार्थ नगर 36वें नंबर पर पहुंच गया है। वही चंदौली, सोनभद्र, फतेहपुर और श्रावस्ती जिलों की रैंकिंग भी अप्रैल की तुलना में मई में गिर गई। चित्रकूट जिले ने अभूतपूर्व सुधार किया है और मई में 32वां स्थान प्राप्त किया, जबकि अप्रैल में ये 102 रैंक पर था। मुख्यमंत्री द्वारा की गई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह सामने आया कि जिलों में अधिकारी डाटा फीडिंग समय से नहीं कर रहे हैं। इसका सीधा प्रभाव जिलों की रैंकिंग पर पड़ रहा है। इसी तरह से वार्षिक आधार पर होने वाले आंकड़ों की फीडिंग भी डैशबोर्ड पर नहीं हो पाई, क्योंकि उसकी आखिरी तारीख निकल चुकी थी। इससे भी रैंक प्रभावित हुई है।


अभिभावकों से भी संपर्क करें
इसी बैठक में यह सामने आया कि बीते वर्ष इन जिलों में लगभग 10,000 नए शिक्षक तैनात किए गए हैं, वहीं शिक्षा मित्र भी तैनात हैं। मुख्यमंत्री ने जिले के अधिकारियों को निर्देश दिए कि गणित व भाषा की परफॉर्मेंस में जिला स्तर से डाटा एंट्री समयबद्ध तरीके से की जाए। इससे जिलों की रैंकिंग में सीधा सुधार दिखने लगेगा। इन जिलों में कोई भी स्कूल शिक्षकविहीन नहीं है। वहीं इनकी पढ़ाई की गुणवत्ता से कोई भी समझौता न किया जाए। गणित और भाषा पर विशेष बल दिया जाए। अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें शिक्षा के महत्व के बारे में बताया जाए।


प्रॉक्सी टीचर से बचे विभाग
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि स्कूलों में प्रॉक्सी टीचर की व्यवस्था पूरी तरह खत्म की जाए। इसके लिए नियमित समीक्षा की जानी चाहिए ताकि ऐसे शिक्षकों को हटाया जा सके। उन्होंने कहा कि अधिकारी ग्राम शिक्षा समिति के सहयोग से ऐसे रिटायर शिक्षकों को स्कूल पढ़ाने के लिए लाएं जो स्वैछिक रूप से पढ़ाना चाहें।


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