हार के बावजूद आखिर क्यों अखिलेश मुलायम की बात नहीं मान रहे हैं

हार के बावजूद आखिर क्यों अखिलेश मुलायम की बात नहीं मान रहे हैं


लखनऊ: लोकसभा चुनाव में हार के बाद अखिलेश यादव अपनी पार्टी सपा को दोबारा जिंदा करने की कोशिशों में लगे हैं। कांग्रेस के साथ उनकी नहीं बनी और बसपा से भी उनकी दोस्ती टूट चुकी है। ऐसे में अखिलेश यादव एक बार फिर नया साथी तलाश रहे हैं लेकिन इस बार कोई बड़े चेहरे के बजाये लो प्रोफाइल पर भरोसा जताने की तैयारी में है।समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव 13 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के साथ गठबंधन करने की तैयारी में है लेकिन सबसे बड़ी बात है कि अखिलेश ने इससे पहले जिस पार्टी के साथ हाथ मिलाया था उनको भारी नुकसान उठाना पड़ा है।सपा से मिली जानकारी के अनुसार पिता मुलायम एक बार फिर किसी भी गठबंधन के पक्ष में नहीं है। मीडिया में चल रही खबर की माने तो अखिलेश को एक बार फिर पिता मुलायम ने किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन करने से रोका है लेकिन अखिलेश ने एक बार फिर इस नहीं मान रहे हैं। बता दें कि मुलायम ने इससे पहले बसपा के साथ गठबंधन करने से रोका था लेकिन नहीं माने थे और पार्टी इस वजह से काफी नुकसान उठाना पड़ा।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ