कांग्रेस नेता उस्मान माजिद और माकपा नेता एम वाई तारिगामी ने दावा किया कि उन्हें रविवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया। कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है और सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई है जिसके बीच ये गिरफ्तारियां हुई हैं। बहरहाल, गिरफ्तारियों के संबंध में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है क्योंकि आतंकवादी धमकी और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के साथ शत्रुता बढ़ने के बीच तड़के कश्मीर में कर्फ्यू लगाया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को उनके घरों में हिरासत में ले लिया गया है।
इससे पहले नेशनल कांफ्रेंस के नेता अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ''मुझे लगता है कि मुझे आज आधीरात से घर में नजरबंद किया जा रहा है और मुख्यधारा के अन्य नेताओं के लिए भी यह प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गई है। इसकी सच्चाई जानने का कोई तरीका नहीं है लेकिन अगर यह सच है तो फिर आगे देखा जाएगा।"
श्रीनगर और जम्मू में धारा 144
तनावपूर्ण हालात के बीच सरकार ने श्रीनगर में धारा 144 लागू कर दी है, जो कि आज रात (5 अगस्त) 12 बजे से अगले आदेश तक जारी रहेगी। इस आदेश के बाद से जिले में कोई भी सार्वजनिक गतिविधियां नहीं होंगी। आदेश जारी रहने के दरम्यान शहर में किसी भी तरह की रैली और जनसभा करने की मनाही होगी। सभी सरकारी अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपना पहचान-पत्र साथ रखें। जम्मू में भी धारा 144 सोमवार (5 अगस्त) सुबह 6 बजे से लागू कर दी गई है।
जम्मू में सोमवार को स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे
जम्मू जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रशासनों से उन्हें सोमवार को ऐहतियातन बंद रखने के लिये कहा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। जम्मू की उपायुक्त सुषमा चौहान ने रविवार रात कहा, "सभी निजी तथा सरकारी स्कूलों और कॉलेजों को ऐतहियातन बंद रखने की सलाह दी गयी है।" अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है, जहां खतरे की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा बलों की तैनाती कई गुणा बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले जम्मू क्षेत्र, विशेषकर सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) समेत अतिरिक्त अर्धसैनिक बल तैनात कर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
जम्मू-कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित
वहीं दूसरी ओर, जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर समेत कश्मीर घाटी में भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएएसएनएल) तथा अन्य निजी कंपनियों की मोबाइल इंटरनेट सेवाएं रविवार की रात निलंबित कर दी गयी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ऐहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है। मोबाइल फोन सेवा प्रदाता कंपनियों ने अपने ग्राहकों को सूचित किया है कि इंटरनेट सेवाएं अगले आदेश तक निलंबित रहेगी। ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं हालांकि अभी तक सामान्य है। वहीं जम्मू में भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर की गई हैं। जम्मू की डिप्टी कमिश्नर सुषमा चौहान ने रविवार देर रात यह जानकारी दी।
जम्मू कश्मीर की पार्टियां राज्य के विशेष दर्जे को खत्म करने की कोशिश का विरोध करेंगी
इससे पहले जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियों ने राज्य को विशेष दर्जे की गारंटी देने वाले संवैधानिक प्रावधानों को रद्द करने या राज्य को तीन हिस्सों में बांटने की कोशिश से जुड़े किसी कदम का विरोध करने का रविवार को सर्वसम्मत संकल्प लिया। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बैठक में स्वीकार किये गए प्रस्ताव के हवाले से कहा कि पार्टियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजने तथा संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 ए को रद्द करने की किसी कोशिश के परिणामों से उन्हें अवगत कराने का फैसला किया है।
यह बैठक ऐसे समय हुई है जब आतंकवादी हमले की आशंका और नियंत्रण रेखा पर तनातनी बढ़ने के बीच कश्मीर घाटी में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाए जाने के साथ ही तनाव की स्थिति रही। बैठक में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, नेकां नेता उमर अब्दुल्ला, ताज मोहीउद्दीन (कांग्रेस), मुजफ्फर बेग (पीडीपी), सज्जाद लोन और इमरान अंसारी (पीपुल्स कांफ्रेंस) , शाह फैसल (जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट) और एम वाई तारिगामी (माकपा) भी शामिल हुए।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ''सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया गया कि सभी राजनीतिक पार्टियां जम्मू कश्मीर की पहचान, उसकी स्वायत्तता और विशेष दर्जे को किसी भी प्रकार के हमले से बचाने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करेगी। वह बदलाव, अनुच्छेद 35 ए और 370 को खत्म करना, असंवैधानिक परिसीमन और राज्य को तीन हिस्सों जम्मू , कश्मीर और लद्दाख में बांटना लोगों के खिलाफ आक्रमण होगा।"
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