अब बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के पकड़े गए तो एक ही जगह देना पडे़गा ढ़ाई हजार रुपये जुर्माना 

अब बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के पकड़े गए तो एक ही जगह देना पडे़गा ढ़ाई हजार रुपये जुर्माना 


सड़कों पर चालकों की मनमानी नहीं चलेगी। अब बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के पकड़े गए तो एक की जगह ढाई हजार रुपये जुर्माना देना पड़ेगा। बढ़ते प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए शासन के दिशा- निर्देश पर परिवहन विभाग ने आनलाइन प्रदूषण प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया है। चालक को प्रत्येक छह माह पर आनलाइन प्रदूषण पत्र बनवाना होगा। अब किसी तरह का मैनुवल प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा।


यहा हो रही जांच और मिल रहा प्रमाण पत्र


आनलाइन प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी करने के लिए परिवहन विभाग ने गोरखपुर शहर में में तीन प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित किया है। इन जांच केंद्रों को पासवर्ड जारी कर दिया गया है। जांच केंद्रों पर स्थापित प्रदूषण जांच मशीन परिवहन विभाग के साफ्टवेयर वाहन-4 से कनेक्ट हैं। जो आनलाइन प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं।


यहां चल रहे अनधिकृत प्रदूषण जांच केंद्र


दरअसल, जनपद में चल रहे कुछ अनधिकृत प्रदूषण जांच केंद्र मैनुवल प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं। चालक अवैध मैनुवल प्रदूषण प्रमाण पत्र लेकर धुआं छोड़ते हुए सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। इसको लेकर परिवहन विभाग गंभीर हुआ है। यहां जान लें कि पंजीयन तिथि के एक वर्ष बाद सभी प्रकार के वाहनों का प्रदूषण प्रमाण पत्र प्रत्येक छह माह पर बनवाना अनिवार्य होता है। बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के पकड़े जाने पर जुर्माने का प्रावधान है।


प्रदूषण प्रमाण पत्र के लिए निर्धारित है शुल्क


अधिकृत जांच केंद्रों पर प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने के लिए शुल्क निर्धारित है। मोटरसाइकिल के लिए 30 रुपये, चार पहिया पेट्रोल वाहन के लिए 40 रुपये तथा चार पहिया सभी प्रकार के डीजल वाहनों के लिए 50 रुपये निर्धारित है।


इन जांच केंद्रों पर बनते हैं प्रदूषण प्रमाण पत्र


- शिवमूर्ति सेव संस्थान, जगन्नाथपुर।


- ममता वेलफेयर सोसाइटी, हुमायूपुर दक्षिणी।


- अपर्णा प्रदूषण जांच केंद्र, आरटीओ के बगल में, सिविल लाइंस।


अधिकृत जांच केंद्रों से जारी प्रमाण पत्र ही मान्य


इस संबंध में गोरखपुर के एआरटीओ श्याम लाल का कहना है कि पहली अगस्त से अधिकृत जांच केंद्रों से जारी प्रदूषण प्रमाण पत्र आनलाइन ही मान्य होंगे। अधिकृत केंद्रों से एक अगस्त से पहले के जारी मैनुवल प्रमाण पत्र भी सिर्फ छह माह के लिए मान्य होंगे। 


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