सीबीआई की टीम ने लखनऊ, प्रयागराज समेत अतीक अहमद के छह ठिकानों पर की छापेमारी

सीबीआई की टीम ने लखनऊ, प्रयागराज समेत अतीक अहमद के छह ठिकानों पर की छापेमारी


देवरिया जेलकांड की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने पूर्व सांसद अतीक अहमद पर शिकंजा कस दिया है। सीबीआई की टीम ने लखनऊ, प्रयागराज समेत अतीक अहमद के छह ठिकानों पर छापेमारी की है। अतीक के इलाहाबाद स्थित घर और कार्यालय से सीबीआई की टीम सबूत जुटा रही है।


अतीक अहमद के निवास और कार्यालय पर पीएसी और पुलिस ने दबिश दी है, घर का कोना-कोना खंगाला जा रहा है। आपको बता दें कि देवरिया जेल कांड में कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने अतीक के खिलाफ कार्रवाई की है।


पांच गाड़ी पीएसी, तीन गाड़ी आरएएफ के साथ कई थानों से भारी पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद है। वहीं, अतीक अहमद के मुंशी फारूक के घर मोहतशिम गंज और उसे अपना करीबी बताकर होर्डिंग लगाने वाले बड़ा ताजिया कमेटी के रेहान खान के घर भी CBI की एक टीम पहुंची है।


होटलों में ठहरते थे अतीक के गुर्गे, रिकॉर्ड खंगाल रही सीबीआई
इससे पहले मंगलवार को देवरिया जेलकांड की जांच कर रही सीबीआई की टीम जिले में डटी रही। देवरिया के होटलों का रिकॉर्ड खंगाल रही टीम यह जानने में जुटी रही कि देवरिया जेल में अतीक के रहने के दौरान किस-किसने यहां ठिकाना बनाया था।


अतीक के गैंग से जुड़े लोग कब-कब और किस होटल में रहे। टीम जिला जेल से रिहा हुए उन बंदियों से भी पूछताछ में जुटी है जो अतीक के साथ उसके या आसपास की बैरक में रहे।
अतीक अहमद ने लखनऊ के रियल एस्टेट व्यापारी मोहित जायसवाल का 26 दिसंबर को गुर्गों के जरिए अपहरण कराके देवरिया जेल बुलाया था। यहां उसकी बर्बरतापूर्वक पिटाई के बाद करोड़ों रुपये की प्रापर्टी जबरन अपने व करीबियों के नाम करा ली थी।


किसी तरह उनके चंगुल से छूटकर लखनऊ पहुंचे मोहित ने वहां केस दर्ज कराया तब देवरिया पुलिस हरकत में आई। मोहित की अपील पर कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए सीबीआई को जांच का निर्देश दिया था।


साक्ष्य जुटाने के लिए सीबीआई टीम करीब एक माह से देवरिया में डटी हैं। सिंचाई विभाग के डाक बंगले में रुकी टीम ने कई बार जेल जाकर बंदियों-कैदियों, बंदीरक्षकों व जेल अधिकारियों के बयान दर्ज किए।


अब तक की छानबीन में यह सामने आया है कि अप्रैल 2017 से देवरिया जेल में आने के बाद अतीक के तमाम गुर्गे व करीबी भी यहीं ठिकाना बनाए रहे। कई बार उनके माध्यम से बड़े कारोबारियों को देवरिया बुलाया गया और उनसे रंगदारी ली गई। शहर के होटलों में ही उनका ठिकाना रहा।
दो दिन पहले ही शहर के स्टेशन रोड, पुरवा, राघवनगर के होटलों के अभिलेखों की जांच की गई। स्टेशन रोड के कुछ होटलों से टीम को महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं। इसके अलावा टीम कुशीनगर के उन बंदियों से भी पूछताछ कर जानकारी जुटा रही है


जो अतीक के साथ या उसके आसपास के बैरक में रहे हैं। अंदेशा है कि अतीक ने उनकी जेल के अंदर से ही कई मामलों में मदद की थी। इसके बदले जेल से बाहर निकलने पर वे अतीक की मदद करते थे। टीम के अभी कुछ दिन और जिले में ही रहने की संभावना है


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