सरकारी कर्मचारियों ने 75 साल की एक महिला को सरकारी अभिलेखों में बता दिया मृत

सरकारी कर्मचारियों ने 75 साल की एक महिला को सरकारी अभिलेखों में बता दिया मृत


सरकारी कर्मचारियों ने 75 साल की एक महिला को सरकारी अभिलेखों में मृत बता दिया। मामला सामने आया तो महिला के परिजनों ने विरोध जताया। तय हुआ कि अधिकारी गांव पर जाएंगे और बैठक कर तय करेंगे कि महिला जिंदा है या नहीं। अधिकारी तय समय पर गांव में पहुंचे, बैठक शुरू हुई। बैठक में महिला भी आई और अधिकारियों से कहा कि हुजूर देख लीजिए, मैं जिंदा हूं। अधिकारियों ने कहा कि कोर्ट का आर्डर लाओ तक मानेंगे कि तुम जिंदा हो। मामला संतकबीर नगर जिले के बेलहर विकास खंड का है।


यह है मामला


संतकबीर नगर के बेलहर विकास खंड के बेलहर कला निवासी सूका देवी (75) पत्नी देवता को ब्लाक की तरफ से 6 माह पूर्व जारी किए गए परिवार रजिस्टर की नकल में मृतक दिखा दिया गया जबकि वह जिंदा है। परिवार रजिस्टर की नकल पर परिजनों व ग्रामीणों ने आपत्ति दर्ज कराई तो विकास विभाग की तरफ से सोमवार को गांव में बैठक करके ग्रामीणों के सामने पुष्टि करने की बात कही।


गांव में हुई बैठक


सोमवार को जैसे ही बैठक शुरू हुई तो एडीओ (पंचायत) रविंद्र सिंह ने कोर्ट में चल रहे मुकदमे में बिना फैसला आए परिवार रजिस्टर की नकल में सूका देवी को जिंदा दिखाने से इनकार कर दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। बाद में मौके पर एसडीएम व सीओ भी पहुंचे लेकिन महिला जिंदा होने पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका।
मैं जिंदा हूं लेकिन कोई सुनता नही : सूका 
सूका ने खुद को जिंदा बताते हुए कहा की साजिश के तहत मेरी भूमि को लोगों ने ग्राम समाज की भूमि के रूप में दर्ज करवा दिया। इसके लिए लड़ाई लड़ी गई लेकिन सफलता नहीं मिली। सूका की लड़ाई लड़ने में इनकी मदद इनकी बहन के परिजन कर रहे है तथा अपने सगे भतीजे आदि विरोध कर रहे है। विरोधियों का कहना है की सूका की मौत काफी समय पहले हो चुकी है। सूका की बहन रुमाली को सूका बनाकर उनकी जमीन हड़पने का प्रयास किया जा रहा है। 
कोर्ट करेगा फैसला : एसडीएम 
मेंहदावल के एसडीएम प्रेम प्रकाश अंजोर ने बताया की मामला कोर्ट में चल रहा है जिसके कारण उक्‍त मामले में कुछ भी कह पाना उचित नहीं होगा। अगर सूका जिंदा हैं तो उनको कोर्ट में खुद को साबित करना होगा।


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