सपा की कमान बदलेगी, मुलायम तय करेंगे नया चेहरा

सपा की कमान बदलेगी, मुलायम तय करेंगे नया चेहरा


लोकसभा चुनावों में करारी हार ने मुलायम सिंह यादव को परेशान कर दिया है। खुद मैनपुरी में गठबंधन के बावजूद जीत का अंतर बेहद कम रहने के बाद मुलायम सिंह यादव ने सख्त कदम उठाने के संकेत दिए हैं। इसी कड़ी में सपा नेतृत्व में परिवर्तन करने पर मुहर लग गई है। पिता के फैसले से अखिलेश यादव भी रजामंद हैं। पार्टी नेतृत्व में परिवर्तन के साथ-साथ फ्रंटल संगठनों की ओवरहालिंग भी अगले महीने होगी। नए संगठन की रूपरेखा नए अध्यक्ष के मनोनयन के बाद होगी। उधर, सपा की करारी हार पर अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने कहाकि अभी भी वक्त है, सपा को बचाने के लिए मुलायम सिंह यादव को नेतृत्व की कमान सौंपना चाहिए।
अध्यक्ष पद पर नया चेहरा तय, मौजूदा अध्यक्ष से मुलायम नाराज
सपा की प्रदेश इकाई के मौजूदा अध्यक्ष नरेश उत्तम से पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व नाराज है। वजह है गृह जनपद फतेहपुर के साथ-साथ निवास जनपद कानपुर में पार्टी तथा गठबंधन को करारी शिकस्त का सामना परना पड़ा है। लोकसभा चुनाव में फतेहपुर, अकबरपुर तथा फर्रुखाबाद सीट बसपा के खाते में गई थी और तीनों स्थानों पर दो लाख से ज्यादा मतों के अंतर से गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा है। इसी के साथ सैफई परिवार की प्रतिष्ठा से जुड़ी कन्नौज और इटावा सीट पर भी भाजपा उम्मीदवार विजयी रहे हैं। ऐसे में आरोप है कि सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने गठबंधन की सहयोगी बसपा के उम्मीदवारों को ईनामदारी से मदद नहीं मुहैया कराई, जबकि कन्नौज, कानपुर और इटावा में पार्टी का संगठन बेहद कमजोर साबित हुआ।
नए अध्यक्ष की तलाश में जुटे मुलायम, पिछड़ी जाति को वरीयता


चूंकि नरेश उत्तम कुर्मी जाति के हैं, ऐसे में नरेश के उत्तराधिकारी की खोज में पिछड़ी जाति के किसी चेहरे की तलाश है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद पर यादव जाति के नेता के मनोनयन से परहेज चाहती है। चर्चा है कि पूर्वांचल के युवा चेहरे को अखिलेश की प्रदेश टीम की कमान मिलेगी। इसके साथ ही अखिलेश यादव पार्टी को फिर उसी तरह सभी वर्गों का संतुलन साधकर मजबूत करना चाहते हैैं, जैसा कभी मुलायम सिंह यादव के समय पार्टी हुआ करती थी। पार्टी के पास तब हर वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले चेहरे थे और इन चेहरों की समाज में भी स्वीकार्यता थी। अखिलेश ने इस चुनाव में हार के लिए भी पार्टी के पुराने नेताओं से फीडबैक लिया है। सपा में अब संगठनात्मक तौर पर बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्षों तक को हटाने व फ्रंटल संगठनों को भंग किए जाने की चर्चा तेज है। समाजवादी युवजन सभा, समाजवादी छात्रसभा, समाजवादी लोहिया वाहिनी और मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के साथ ही संगठन की कई इकाइयों का नये सिरे से गठन करने पर विचार शुरू हो रहा है। पार्टी कार्यालय में अखिलेश यादव द्वारा पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह को बुलाने और नया दायित्व सौंपे जाने की भी सुगबुगाहट रही। हालांकि सपा प्रवक्ताओं ने इससे इंकार किया है लेकिन, अखिलेश द्वारा रिपोर्ट मांगे जाने के बाद कई लोगों पर कार्रवाई को तय माना जा रहा है।मुलायम भी नाराज, बसपा पर फायदा लेने का आरोप


गौरतलब है कि बीते दिवस लखनऊ में सपा मुख्यालय पहुंचे मुलायम सिंह यादव खासे नाराज नजर आए थे। पार्टी कार्यालय में सपा नेताओं और पदाधिकारियों से उन्होंने दो टूक पूछा कि बताओ, पार्टी कैसे हार गई। बैठक में मौजूद लोगों के मुताबिक मुलायम के अधिकतर सवालों पर पार्टी के नेता बगलें झांकते रहे। एक-दो लोगों ने हार के कुछ तर्क गिनाए भी तो उन्हें खरी-खरी सुननी पड़ी। कन्नौज में डिंपल यादव, फीरोजाबाद में अक्षय यादव और बदायूं में धर्मेंद्र यादव की हार से भी मुलायम आहत दिखे। उन्होंने पार्टी नेताओं को उलाहना दिया कि तुम लोग तो घर की सीटें भी नहीं बचा पाए। बसपा के साथ गठबंधन से नाराज मुलायम ने इशारा किया कि हार की बुनियाद गठबंधन में सीटों के बंटवारे के समय से ही पड़ गई थी। सपा नेताओं ने मुलायम से कहा भी कि चुनाव में जिन सीटों पर जीतने की उम्मीद थी, उनमें कई सीटें बंटवारे में बसपा के पास चली गईं, जबकि सपा के खाते में ऐसी सीटें आ गईं, जहां पार्टी को कभी जीत हासिल नहीं हुई थी।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ