संसद में मोदी सरकार की यह कामयाबी बता रही है कि अब धारा 370 हटना तय है

संसद में मोदी सरकार की यह कामयाबी बता रही है कि अब धारा 370 हटना तय है


नई दिल्ली: मोदी सरकार ने संसद के पहले ही सत्र में कश्मीर पर वो कर दिखाया है जो सोच से भी परे है। ये इतिहास बनने सरीखा कदम है। इस कदम ने यह भी साफ कर दिया है कि कश्मीर को शेष भारत से अलग थलग करने वाला अनुच्छेद 370 अब बस कुछ ही दिनो का मेहमान है। मोदी सरकार ने कश्मीर पर अपने धुर विपक्षियों को साथ लेकर दो ऐसे कदमों पर मुहर लगवा ली है जो कश्मीर की दिशा और दिशा तय करने वाले हो सकते हैं।इनमें पहला कदम है कश्मीर में राष्ट्रपति शासन छह महीने के लिए बढ़वाना और दूसरा जम्मू कश्मीर रिजर्वेशन बिल को पास कराना। ये इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि ये सब उस राज्यसभा में हुआ जहां मोदी सरकार का अपने दम पर बहुमत भी नही है। मगर इसके बावजूद नवीन पटनायक की बीजू जनता दल, ममता की टीएमसी और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने मोदी सरकार का खुलकर साथ दिया।फिर तो ऐसा माहौल बना कि कांग्रेस भी साथ खड़े होने पर मजबूर हो गई। कश्मीर के मुद्दे पर इन धुर विपक्षी दलों का साथ खड़े होना एक ऐसी उपलब्धि है जो भविष्य की राह को साफ करती दिखाई दे रही है।जम्मू कश्मीर आरक्षण बिल जम्मू कश्मीर में अंतराष्ट्रीय सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को आरक्षण की सुविधा देता है। ये वे लोग हैं जो खासकर जम्मू क्षेत्र में पाकिस्तान की तरफ से लगातार होने वाली गोलाबारी से बुरी तरह प्रभावित थे।इन्हें शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 3 फीसदी आरक्षण दे दिया गया है। अभी तक आरक्षण की ये सुविधा अंतराष्ट्रीय सीमा से सटे हुए इलाके में रहने वाले लोगों के लिए नही थी। अहम बात यह भी है कि इसी दौरान संसद में अपने भाषण में गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 को एक अस्थायी प्रावधान करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 पर हम अपने एजेंडे पर कायम हैं।उधर पीएम मोदी ने भी गृह मंत्री अमित शाह के भाषण की जमकर तारीफ की और यहां तक कह दिया कि कश्मीर को समझने के लिए इस भाषण को समझना जरूरी है। कश्मीर पर सरकार की ये उपलब्धि और प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह का रुख भविष्य के संदर्भों को एकदम स्पष्ट कर देने वाला है। ये संदर्भ अनुच्छेद 370 का है जिसके दिन अब पूरे होने जा रहे हैं।कश्मीर को विशेष बनाने वाली धारा 370 पर केंद्र सरकार का रुख सख्त हो रहा है. संसद में अमित शाह ने जिस तरह से धारा 370 पर बार-बार जोर दिया कि ये धारा संविधान में अस्थायी धारा के तौर पर दर्ज है, उससे एक बार फिर ये सवाल उठने शुरु हो गए हैं कि क्या अमित शाह के मिशन कश्मीर में धारा 370 को खत्म करना प्रमुख है?अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर में 356 का इस्तेमाल हमने विशेष परिस्थिति में किया। अभी तक 132 बार 356 धारा के इस्तेमाल देश में हुआ है, जिसमें से 93 बार कांग्रेस ने इस्तेमाल किया। शाह ने कहा कि बीजेपी ने कभी भी राजनीतिक विद्वेष की वजह से 356 का इस्तेमाल नहीं किया।


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