मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार इंसाफ एवं तरक्की के रास्ते पर चल पड़ा है। समाज में भाईचारा, मोहब्बत, अमन-चैन और सद्भाव बना रहेगा तो बिहार की तरक्की को कोई रोक नहीं सकता है। मुख्यमंत्री बुधवार को हजभवन में हाजियों के पहले जत्थे को मदीना के लिये रवाना करने से पूर्व आयोजित दुआइया मजलिस में अपनी बात रख रहे थे।उन्होंने कहा कि हज पर जाने की इच्छा सबकी होती है किन्तु जाते वही हैं, जिनका बुलावा आता है। वहां जाइयेगा तो आप अपने लिये और अपने परिवार के लिये तो दुआ मांगेंगे ही, मेरी गुजारिश है कि आप अपने राज्य एवं मुल्क के लिये भी दुआ मांगिएगा। इस बार भी मुझे राज्य में सूखे की स्थिति दिखाई पड़ रही है। वर्षा कम और वज्रपात ज्यादा हो रहा है। आप सभी दुआ कीजियेगा कि सूखे की स्थिति कम से कम हो। भयानक स्थिति का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि अगर कुदरती माहौल इस प्रकार का बनता है तो हम सब एक साथ मिलकर उस परिस्थिति का मुकाबला करेंगे और उससे राहत दिलाने का भरपूर प्रयास करेंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार कुल 4950 आजमिन हज यात्रा पर रवाना होने वाले हैं, जिनमें दो हजार से ज्यादा महिलाएं हैं। यह खुशी की बात है। इस बार गया के अलावा कोलकाता से भी कुछ लोग हज यात्रा के लिये रवाना होंगे। मैं सभी हज यात्रियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। हमारी यही दुआ है कि आपकी दुआ कबूल हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी सुविधा और सहूलियत के लिये जो भी बन पड़ा है, उसके लिये भरपूर प्रयास किया है। इस बार 24 अधिकारियों को भी यहां से भेजा गया है, जिनमें एक महिला अधिकारी भी शामिल हैं।इस अवसर पर खानकाह मुनीमिया मितनघाट के सज्जादानशीं हजरत मौलाना सैयद शमीम मुनअमी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, बिहार राज्य हज समिति के अध्यक्ष मो. इलियास हुसैन उर्फ सोनू बाबू, विधान पार्षद सलमान रागीव, खालिद अनवर, पूर्व विधायक इजहार अहमद, बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादुल्ल्ला, बिहार सिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशाद अली आजाद, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी आदि उपस्थित थे।
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