प्रियंका गांधी एक बार फिर सोनभद्र जा रही हैं. 19 जुलाई को प्रियंका गांधी के सोनभद्र जाने के फैसले के बाद उठे सियासी तूफान ने देशभर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया था. प्रियंका की हिरासत और धरने के बाद बैकफुट पर आई राज्य सरकार को घेरने के लिए प्रियंका गांधी ने सोनभद्र नरसंहार के पीड़ित परिवारों को कांग्रेस पार्टी की तरफ से 10-10 लाख के मुआवज़े का ऐलान किया था. अब प्रियंका गांधी खुद इन परिवारों को मुआवज़े की धनराशि का चेक सौंपना चाहती हैं, जिसके लिए आने वाले दो-तीन दिनों के भीतर दोबारा उनके सोनभद्र दौरे की तैयारी की जा रही है.
मुआवज़े का चेक देने सोनभद्र जाएंगी प्रियंका
पार्टी के वरिष्ठ नेता बता रहे हैं कि प्रियंका गांधी के सोनभद्र दौरे की तारीख का ऐलान कभी भी हो सकता है. प्रियंका गांधी सोनभद्र मामले पर शुरुआत से ही सरकार को घेरती रही हैं. प्रियंका के मुआवज़े के ऐलान के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों से मिले थे. प्रियंका गांधी के दोबारा सोनभद्र जाने की बात से यह तो साफ हो जाता है कि वह इस मामले को आसानी से ठंडा नहीं होने देंगी. वो चाहती हैं कि लोगों की स्मृति में ये मामला देर तक रहे. वो खुद इन परिवारों को कांग्रेस की ओर से घोषित मुआवज़े की धनराशि का चेक सौंपना चाहती हैं.
2022 के लिए मिली ज़िम्मेदारी
प्रियंका गांधी को जनवरी में महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाते वक्त तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने साफ कर दिया था कि ये ज़िम्मेदारी प्रियंका को लोकसभा चुनाव से ज़्यादा 2022 में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सौंपी जा रही है, लिहाज़ा लोकसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन के बावजूद प्रियंका गांधी यूपी के सियासी मैदान में डटी हुई हैं. प्रियंका गांधी लगातार कांग्रेस को मजबूती देने में जुटी हैं. यही वजह है कि वो हर छोटे बड़े मुद्दे पर कभी ट्विटर तो कभी फेसबुक के ज़रिये सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाती दिखाई दे रही हैं.
सशक्त नेता की छवि
सोनभद्र हिंसा मामले पर प्रियंका ने सरकार को हर मोर्चे पर घेरा है. उन्हें मिर्ज़ापुर में रोके जाने के बाद हिरासत और फिर रातभर चुनार किले में बिताई रात ने देशभर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रियंका गांधी में एक सशक्त नेता की छवि दिखा दी है. अब प्रियंका गांधी भी पार्टी के भीतर और बाहर खुद को ज़िम्मेदार नेता साबित करने में जुटी हैं. प्रियंका का दूसरा सोनभद्र दौरा कितना कारगर होगा ये कहना मुश्किल है लेकिन इस दौरे पर सरकार से लेकर विपक्ष तक सबकी नज़र रहेगी.
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