उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और उनके भाई प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में की गई सीबीआई जांच में नया मोड़ आ गया है। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने कहा है कि सीबीआई ने इस जांच को बंद करने के बारे में उसे नहीं बताया है। जबकि सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए शपथपत्र में कहा है कि जांच को बंद करने की पूरी जानकारी सीवीसी को 8 अक्तूबर 2013 को दे दी गई थी।
शपथपत्र का हवाला: सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में 9 मई 2019 को दायर किए गए शपथपत्र के पैरा नंबर 27 में स्पष्ट रूप से कहा है कि सीवीसी को प्रारंभिक जांच बंद करने के बारे में उचित रूप से 8 अक्तूबर 2013 को सूचित कर दिया गया था। सीवीसी को यह भी बताया गया था कि 2007 की जांच में की गई संपत्ति की गणना और 2013 की आय से अधिक संपत्ति की जांच रिपोर्ट में आए अंतर के कारण क्या हैं।
आरटीआई के तहत जानकारी : चतुर्वेदी ने सीवीसी से आरटीआई के कानून के तहत पूछा कि क्या उन्हें मुलायम सिंह के खिलाफ केस बंद करने की जानकारी दी गई थी। सीवीसी ने 5 जुलाई 2019 को बताया कि उन्हें सीबीआई ने इस तरह की कोई जानकारी नहीं दी।
सीबीआई सच्ची या सीवीसी : सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केस बंद करने की जानकारी सीवीसी को दे गई थी और सीवीसी कह रहा है कि उसे यह जानकारी नहीं है। सवाल यह है कि झूठ कौन बोल रहा है। इसकी सुनवाई इस माह सुप्रीम कोर्ट में होनी है।
0 टिप्पणियाँ