राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी मुलायम सिंह अपने चरखा दांव के लिए मशहूर हैं। किसी दौर में अपने प्रतिद्वदियों को इसी दांव के जरिए चित कर देते थे। लेकिन इस बार मुलायम ने अपना चरखा दांव अपने बेटे और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर ही चला है। जिससे वह न सिर्फ चित हुए बल्कि उनकी किरकिरी भी हो रही है। माना जा रहा है कि मुलायम सिंह ने बुधवार को केन्द्र सरकार के पक्ष में अपना मत देकर मोदी सरकार द्वारा किए गए एहसान का तोहफा दिया है। असल में द अनलॉफुल ऐक्टिविटीज (प्रिवेंशन) अमेंडमेंट बिल के पक्ष में बुधवार को मतदान हुआ था। इसमें ज्यादातर विपक्षी दलों ने विरोध में अपनी राय दी थी। मतदान के दौरान विपक्षी दल सदन से बाहर चले गए। लेकिन समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव बाहर नहीं गए बल्कि उन्होंने सरकार के पक्ष में वोट दिया था।
जबकि अखिलेश यादव और अन्य सांसद ने इस पर विरोध जताते हुए सदन से वॉकआउट किया। लेकिन मुलायम सिंह ने सरकार के पक्ष में वोट देकर सबकों चौका दिया। जबकि सुबह ही इस बिल के विरोध में मतदान करने की बात कही गयी थी। लेकिन मुलायम ने पार्टी अध्यक्ष की नहीं सुनी और अपना वोट सरकार के पक्ष में दिया।मुलायम के वोट देने के बाद अखिलेश यादव की काफी किरकिरी हो रही है। असल में लोकसभा में बुधवार को इस बिल को लेकर जमकर हंगामा हुआ। बिल लोकसभा में पास तो हो गया, लेकिन इससे साबित हो गया है कि आजकल मुलायम सिंह की नजदीकियां केन्द्र सरकार से बढ़ रही हैं।
दो दिन पहले जब अखिलेश को केन्द्र सरकार द्वारा मुहैया कराई गयी एनएसजी की सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया तो मुलायम को पहले दी जा रही सुरक्षा को बरकरार रखा गया। जिससे उनकी केन्द्र के साथ करीबी होने के प्रमाण मिल रहे हैं। केन्द्र सरकार ने अखिलेश यादव समेत 130 वीवीआई लोगों की सुरक्षा को वापस लिया था।लेकिन मुलायम के प्रति केन्द्र सरकार ने नरम रूख ज्यादा और उनकी सुरक्षा में किसी भी तरह की कोई कटौती नहीं की। लिहाजा कल लोकसभा में मुलायम सिंह ने मोदी सरकार के एहसान का बदला चुकाया। गौरतबलब है मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में संसद सत्र के अंतिम दिन मुलायम सिंह ने मोदी सरकार की तारीफ की और कहा वह चाहते है कि नरेन्द्र मोदी फिर केन्द्र में सरकार बनाएं।
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