दो और बड़े सांसद छोड़ सकते हैं अखिलेश का साथ, बसपा सांसदों के भी बीजेपी में शामिल होने की चर्चा

दो और बड़े सांसद छोड़ सकते हैं अखिलेश का साथ, बसपा सांसदों के भी बीजेपी में शामिल होने की चर्चा


 भारतीय जनता पार्टी (BJP) राज्यसभा में अपनी सदस्य संख्या बढ़ाने पर फोकस कर रही है। बीजेपी की नजर सपा-बसपा के असंतुष्ठ राज्यसभा सांसदों पर है। पार्टी नेतृत्व ऐसे सांसदों के संपर्क में है। मुलाकातों का दौर जारी है। बातचीत फाइनल होते ही यह नेता बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। बीते मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के सुपुत्र नीरज शेखर ने राज्यसभा और समाजवादी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देते हुए भाजपा में शामिल हो गये थे। ऐसा पहली बार नहीं है कि भाजपा की नजर उच्च सदन में बहुमत हासिल करने की रही है। इससे पहले भी सपा-बसपा के कई एमएलसी का इस्तीफा दिलाकर भाजपा ने विधान परिषद में अपने वरिष्ठ नेताओं को सदस्य बनाया है।


सपा को लग सकता है जोर झटका


उपचुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को एक और बड़ा झटका लग सकता है। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के सुपुत्र नीरज शेखर के बाद दो और राज्यसभा सांसद सपा से किनारा करने की तैयारी में हैं। यह दोनों सांसद भाजपा आलाकमान के संपर्क में हैं। अब मुलाकात में उनका रुख काफी सकारात्मक है। सूत्रों का कहना है कि बातचीत के बाद ज्यादातर मुद्दे सुलझा लिये गये हैं। कुछ मुद्दों पर चर्चा जारी है। उम्मीद है अंतिम बातचीत में इनके सभी मुद्दे सुलझा लिये जाएंगे। इसके बाद वह विधिवत बीजेपी में शामिल हो जाएंगे।


बसपा सांसदों पर नजर


उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा तेज है कि भारतीय जनता पार्टी की नजर बहुजन समाज पार्टी के राज्यसभा सांसदों पर भी है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि बसपा के चार में से कुछ सांसद पार्टी नेतृत्व के संपर्क में हैं। बसपा में खुद को साइडलाइन मान रहे हैं। भाजपा नेतृत्व की इनसे बातचीत चल रही है। सपा के नीरज शेखर की तरह बसपा के यह नेता भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं।


राज्यसभा में बहुमत की ओर भाजपा


राज्यसभा में एनडीए बहुमत के करीब है। 245 सदस्यीय सदन में पांच पद रिक्त हैं। यहां बहुमत का आंकड़ा 121 है। वर्तमान में एनडीए, निर्दलीय और मनोनीत सदस्यों को मिलाकर भाजपा खेमे में 116 सांसद हैं। अगर दो और सदस्यों ने इस्तीफा दिया तो बहुमत का आंकड़ा 119 रह जाएगा। नीरज शेखर और दो अन्य सांसदों के इस्तीफे के बाद चुनाव हुए तो यह तीनों सीटें भाजपा की झोली में जाएंगे।


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