देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी ने मौजूदा सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को कही गई बड़ी बड़ी बातो को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि आधुनिक भारत की नींव उन संस्थापकों ने रखी थी, जिनका योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था में मज़बूत भरोसा था, परन्तु आजकल इस प्रकार की स्थिति नहीं है। वर्तमान में योजना आयोग को खत्म कर दिया गया है।
दिल्ली में मावलंकर हॉल स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा “जो लोग 55 साल के कांग्रेस शासन की आलोचना करते हैं, वे यह बात नज़रअंदाज़ कर देते हैं कि आज़ादी के वक्त भारत कहां था, और हम कितना आगे आ चुके हैं… हां, अन्य लोगों ने भी योगदान दिया, लेकिन आधुनिक भारत की नींव हमारे उन संस्थापकों ने रखी थी, जिन्हें योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था में मज़बूती से भरोसा था, जबकि आज ऐसा नहीं है, जब योजना आयोग को ही खत्म कर दिया गया है…”
इस प्रकार का बयान देकर पूर्व राष्ट्रपति ने बड़ी बारीकी से मौजूदा सरकार के काम करने के तरीके की आलोचना की है। उन्होंने आगे कहा, “जो 50-55 साल के कांग्रेस शासन की आलोचना करते हैं, वे यह भूल जाते हैं कि हमने कहां से शुरू किया था, और कहां जाकर छोड़ा था… अगर भारत की अर्थव्यवस्था को 50 खरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाना है, तो हमने 18 खरब डॉलर की मज़बूत नींव छोड़ी थी, जो लगभग शून्य से शुरू हुई थी…”
उन्होंने कहा कि भारत को भविष्य में 50 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बना पाने की नींव पिछली सरकारों द्वारा रखी गई। जिनमें जवाहरलाल नेहरू, डॉ मनमोहन सिंह और पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकारें भी शामिल थीं।
वह यहाँ ही नहीं रुके उन्होने आगे बताया, “वित्तमंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा था कि वर्ष 2024 तक भारत की अर्थव्यवस्था 50 खरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी… लेकिन यह दर्जा आसमान से उतरकर नहीं आएगा… इसके लिए मज़बूत नींव मौजूद है, और उस नींव को अंग्रेज़ों ने नहीं, आज़ादी के बाद हिन्दुस्तानियों ने ही बनाया था…”
प्रणब मुखर्जी ने आगे कहा, “भारत ने तेज़ी से तरक्की की, क्योंकि जवाहरलाल नेहरू तथा अन्य ने IIT, ISRO, IIM, बैंकिंग नेटवर्क आदि की स्थापना की… इसे डॉ मनमोहन सिंह और नरसिम्हा राव द्वारा अर्थव्यवस्था का उदारीकरण करने से भी मदद मिली, जिससे भारत की आर्थिक संभावनाएं बेहद बढ़ गईं… उसी बुनियाद पर वित्तमंत्री आज यह दावा कर सकते हैं कि भारत 50 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा…”
बता दें अभी हाल ही में मौजूदा सरकार ने भारत को 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की बात की थी। वही दूसरी और वर्तमान बीजेपी सरकार बात बात पर कांग्रेस द्वारा देश को लूटने की बात करती हैं। लेकिन शायद वह यह भूल गए है की 2014 से पहले NDA की सरकार आने से पूर्व भारतीय अर्थव्यवस्था में जो भी वृद्धि हुई है उसमे 90 प्रतिशत विपक्षी पार्टियों का ही योगदान है।
मौजूदा सरकार द्वारा देश के विकास में विपक्षी पार्टियों के योगदान को नकार देना उचित नहीं लगता है। उन्हें यह समझ लेना चाहिए की देश का बेहतर विकास तब ही सम्भव हो पाएगा जब विपक्षी पार्टियों की भी भूमिका और उनके योगदान को सराहा जाए।
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