भारत से नेपाल जा रहीं सब्जियों व फल पर जांच के नाम पर रोकने पर भारत ने आपत्ति जतायी है। नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने नेपाली दूतावास से पत्र के माध्यम से जवाब मांगा है। दूतावास के प्रवक्ता अभिषेक दुबे ने पत्रकारों से कहा कि नेपाल ने फल व सब्जी पर जांच का दायरा बिना किसी तैयारी के बढ़ाया है। भारत ने दो बिंदुओं पर सवाल खड़ा किया है।पहला यह कि फल व सब्जियों में विषाक्त पदार्थ की जांच के लिए सरहद पर मशीने क्यों नहीं लगाई गई ? दूसरा यह कि जांच में हो रहे विलंब से फल सब्जी कारोबारियों के नुकसान की भरपाई कैसे होगी ? भारतीय दलील यह भी है कि अचानक जांच के बढ़ाए गए दायरे के बारे में नेपाल ने भारत को पहले से अवगत क्यों नहीं कराया।
यह है मामला
पिछले दिनों नेपाल ने भारत से केवल उसी फल और सब्जियां नेपाल को भेजने की अनुमति दी थी जिसे लैब टेस्ट में हरी झंडी मिलेगी। नेपाल सरकार ने ये कदम फल व सब्जियों में केमिकल मिलने की शिकायत के मद्देनजर उठाया था। भारत-नेपाल की सोनौली सीमा से प्रतिदिन छोटे-बड़े सैकड़ों मालवाहक वाहनों से कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कानपुर, बस्ती, बनारस, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया एवं महराजगंज आदि जिलों से सब्जियां व फल नेपाल भेजा जाता है।
व्यापारियों ने कहा, नुकसान होगा
व्यापारियों का कहना है कि नेपाल सरकार के इस नियम से छोटे व्यापारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। व्यापार मंडल के अध्यक्ष बबलू सिंह ने कहा कि केमिकल जांच के लिए काठमांडू जाना पड़ेगा। जिससे व्यापरियों के समय व धन दोनों का नुकसान होगा। इस नियम के संबंध में उच्चाधिकारियों से वार्ता की जाएगी।
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