नई दिल्ली: मोदी सरकार संसद के पहले सत्र में ही तीन तलाक पर रोक समेत 10 अध्यादेशों को कानून बनाने की तैयारी में है। सरकारी सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।पिछली सरकार ने इस साल जनवरी-फरवरी में ये अध्यादेश जारी किए थे। लेकिन 16वीं लोकसभा के आखिरी सत्र में ये अध्यादेश कानून में परिवर्तित नहीं हो सके थे।अब जब लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार दोबारा सत्ता में लौट आई है तो इन प्रस्तावित कानूनों को फिर से नवगठित लोकसभा में पेश करने का फैसला किया है।इन अध्यादेशों को संसद सत्र शुरू होने के बाद 45 दिन के भीतर कानून के रूप में बदलना पड़ेगा, अन्यथा ये समाप्त हो जाएंगे। इन अध्यादेशों में एक बार में तीन तलाक पर रोक संबंधी अध्यादेश के अलावा भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) अध्यादेश, कंपनी (संशोधन) अध्यादेश, अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध अध्यादेश, जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश, आधार और अन्य कानूनों (संशोधन) अध्यादेश, नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र अध्यादेश, होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश, विशेष आर्थिक क्षेत्र (संशोधन) अध्यादेश और और केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अध्यादेश शामिल हैं।भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) अध्यादेश के जरिए एक कमेटी का गठन किया गया था, जो घोटाले में घिरे भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) का संचालन करती है।जबकि, अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अध्यादेश के जरिए पोंजी योजनाओं और अनियमित जमा योजनाओं को दंडात्मक बनाया गया था। सरकार का कहना था कि इस अध्यादेश से सारधा घोटाला और रोज वैली चिट फंड घोटाला जैसे मामलों को रोकने में मदद मिलेगी।
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