मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने गुरुवार की शाम को तल्ख तेवरों के साथ गृह विभाग के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आंकड़े अपराध नियंत्रण का पैमाना नहीं होते हैं। जनता का भरोसा असली पैमाना होता है। उन्होंने दो टूक कहा कि अपराधियों पर टूट पड़िये। इसी से जनता का भरोसा कायम होगा।लोक भवन सभागार में समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएम और एसएसपी की मीटिंग के बाद भी अपराधों में कमी नहीं आ रही है। फुट पेट्रोलिंग में कोई वरिष्ठ अधिकारी नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने बाइकर्स गैंग, महिलाओं और नाबालिग बालिकाओं के साथ अपराध करने वालों के साथ सख्ती से निपटने का निर्देश दिया। एससी-एसटी और अल्पसंख्यकों के प्रति होने वाले अपराधों पर प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए उन्होंने कड़े शब्दों में चेताया कि 'मॉब लिंचिंग की घटनाएं कतई नहीं होनी चाहिए। जेलों को अपराधियों की शरण स्थली और अपराध संचालन का अड्डा न बनने दिया जाए। जो लोग भी इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनको चिह्नित कर उन पर सख्त कार्रवाई की जाए।योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून-व्यवस्था पर सवाल उठना विभाग के औचित्य पर सवाल है। ऐसा माहौल बनाएं कि इस तरह के सवाल ही न उठें। इसके लिए विभागाध्यक्ष खुद और अपनी टीम की जवाबदेही तय करें। हर हफ्ते कानून-व्यवस्था की समीक्षा करें। अभियोजन को इतना प्रभावी बनाएं कि यह अपराधियों के लिए नजीर बने। बैठक में उन्होंने फिर दोहराया कि भ्रष्टाचार कतई स्वीकार्य नहीं है। ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची तैयार कर उनसे सख्ती से निपटा जाए। उन्होंने कहा कि वह खुद मंडलीय समीक्षा शुरू करने जा रहे हैं। शिकायत मिलीं तो मौके पर ही ऐसी कार्रवाई होगी, जो नजीर बनेगी। जो अधिकारी पुलिस व्यवस्था के प्रति ईमानदारी के साथ काम नहीं कर रहा है, उसे जबरन सेवानिवृत्ति की जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार जिलों में घटना होती है और पुलिस कप्तान को ही पता नहीं रहता। लखनऊ से कहने के बाद भी वे खुद मौके पर नहीं जाते हैं। इस तरह की लापरवाही नहीं चलेगी।मुख्यमंत्री ने विधान भवन और सचिवालय की सुरक्षा के साथ साथ मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने 18 जुलाई से पहले सुरक्षा को लेकर सभी तैयारी पूरी करने निर्देश भी दिए। साथ ही हिदायत दी कि सचिवालय में कोई भी व्यक्ति असलहा लेकर नहीं आना चाहिए। अधिकारियों के एक साथ छुट्टी पर जाने पर योगी ने नाराजगी जताई और कहा कि फील्ड में जो अधिकारी तैनात हैं, उनकी छुट्टी को लेकर पुलिस विभाग कोई नियम बनाए। उन्होंने कहा कि जिलों में बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक प्रधानाचार्यों के साथ बैठक करने जा रहे हैं। महिला इंस्पेक्टर व अन्य पुलिस अफसर भी उस बैठक में जाएं। प्रधानाचार्य के साथ मिलकर पुलिस अधिकारी लोगों को जागरूक करें।बैठक में मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पाण्डेय, डीजीपी ओपी सिंह, अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश कुमार अवस्थी व प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार समेत गृह एवं पुलिस विभाग के कई अफसर मौजूद रहे।
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