खण्डवा/बिहार:- भगवा को आतंकवाद कहना,कन्हैया कुमार की पीठ थपथपाना,उसे नायक बनाना,उसके जैसे तमाम हार्दिक पटेलों को हीरो बनाना ।पुलवामा/ उरी के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक्स/एयर स्ट्राईक पर सवाल खड़े कर देश की सेना के शोर्य पर सवाल खड़े करनें के अलावा,देश की अंतरराष्ट्रीय छवि को धूमिल करना। इसके बावजूद मोदी को ही इस पर राजनीति न करने की सलाह देना। अवार्ड वापसी करने की बेवजह मुहिम चलाना। मुस्लिम नागरिकों को डर लगता है,कहकर डराना। असहिष्णुता शब्द को उछालना। अब यह देश रहने लायक नहीं रहा बोलना। नोट बंदी का मजाक बनाना और भ्रम फैलाना जैसे न जाने क्या हो गया? बुआ-बबुआ की जोड़ी सिर्फ एक सिंबल है। इन 5 सालों में मोदी को हटाने के लिए अक्सर ऐसी जोड़ियां बनती रही,टूटती रही।मणिशंकर जैसों का पाकिस्तान जाकर अपने ही PM को हटाने की गुहार लगाना। सबसे अधिक दुख तब होता था जब मोदी के मंदिर जाने पर या उनकी आराधना करने को मजाक बनाना ।हिन्दू-हिन्दू कहकर ऐसे मजाक बनाया गया है कि जैसे इस देश में हिंदू होना गुनाह हो ? दुष्प्रचार के लिये व्यापारी को चोर तक बना डाला। गाय की खूब चर्चा की इन्होनें। वह गाय जिसे हम सदियों से पूजा करते आ रहे हैं,उसको काट कर तक दिखाना। गौ मूत्र जिसका उल्लेख आयुर्वेद में है का मजाक बनाना । गोबर जिस पर सैकड़ों अनुसंधान हो रहे का भी मजाक बनाना ? इन्होंने हर उस चीज का मजाक बनाने की कोशिश की जो हिंदुओं की संस्कृति-संस्कार का हिस्सा थे ।खादी का लंम्बा कुर्ता पहन,बाल बढ़ा PhD कर हम गोबर और गौ मूत्र की उपयोगिता पर सवाल उठा खुद को बहुत बड़ा विद्वान समझे,पर यह भूल जाते हैं कि इस देश के करोड़ों करोड़ों लोगों के जीवन में गोबर और गोमूत्र की दैनिक दिनचर्या में कितनी उपयोगिता है ?मोदी सिर्फ प्रचंड जीत के ही नायक नहीं अपितु इन्होंने ऐसे तमाम लोगों के चेहरे से नकाब उतार डाला है। आप पिछले 5 साल में मोदी का विरोध करने वाले हर क्षेत्र के लोगों को आज उंगलियों पर गिन सकते हैं । जिस प्रकार छलनी लगाकर हम दूध को छानते हैं और छलनी में कचरा अलग हो जाता है,देश के चारों कोनों में जनता ने मोदी के पक्ष में 45 डिग्री के तापमान में घर से बाहर निकल कर लपककर वोट दे,मानो देश में मोदी विरोध करने वाले गैंग को छलनी में निकल कर आए कचरे के समान अलग कर छोड़ दिया है,आज उसे आप देश भर में स्पष्ट महसूस कर सकते हैं ।चुनाव में जीत-हार होती रहती है परंतु मोदी देश की एक लंबे समय से चली आ रही प्रोपेगेंडा/जात-पात/तुष्टिकरण की राजनीति को ही नहीं हराया बल्कि 100 से अधिक ऐसे देशों की कूटनीति को भी हराया है जो नहीं चाहते थे कि देश में मोदी प्रधानमंत्री बने। इन्होंने मोदी प्रधानमंत्री ना बन सके इसके लिए 5 साल तरह-तरह के हथकंडे अपनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने जनता को बेवकूफ कहने से लेकर संस्थाओं पर अविश्वास से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक को नहीं छोड़ा। इन लोगों नें मोदी की हर बात में तंज कसा। मोदी विदेश यात्रा पर फिजूल खर्च करता है। यह तो हवाई मोदी है। अम्बानी-अडानी का गुलाम है। माल्या-नीरव को भगाने वाला है। मुसलमानों का दुश्मन है,संविधान को खत्म कर देगा और न जाने क्या क्या कहा? मोदी ने डट कर सबका सामना किया। क्या विपक्ष,क्या मीडिया, क्या अवार्ड वापसी गैंग और क्या टुकड़े टुकड़े गैंग। लेकिन आज मोदी फिर हम सबके नायक हैं। सबके चेहरे बेनकाब हो चुके हैं। अब अगले पांच साल इन्हें फिर से कोई नया शब्द ढूंढना होगा। आप हमनें मिलकर कम्युनिस्ट विचारधारा वालों की लुटिया भी डूबा दी ।समाजवाद का ढोंग भी खत्म कर दिया। पूंजीवाद के नामो निशान नहीं तक नहीं छोड़ा ।मोदी ने एक नई विधा,राष्ट्रवाद को जन्म दिया है। राष्ट्र रहेगा तभी हमसब रहेंगे। इस बात पर आप हमनें मिलकर मोहर लगा दी है ।मोदी को अगले 5 वर्षों के लिए शुभकामनाएं ओर आप-हम जैसे जैसे उन तमाम लाखों लोगों को धन्यवाद,जिन्होंने गाहे-बजाहे कुंठित लोगों को हर मोड़ पर जवाब दिया,जिससे उनके द्वारा महामारी फैलाई न जा सकी।आज उन सब बेनकाबों को भी समझ आ गया की बात में सच्चाई न हो तो वह जीत नहीं सकती।आज सीना गर्व से चौड़ा हो गया है,जब इतनी साजिशों के बावजूद इस देश की जनता की समझदारी और अपने विवेक से निर्णय लेनें की क्षमता नें यह सिद्ध कर दिया है कि अब इस देश को आगे बड़नें से कोई नहीं रोक सकता। भारत की तरक्की की रफ्तार बहोत तेज होनें वाली है !
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